Charles M. Schulz (Sparky) – अमेरिकन कार्टूनिस्ट जिसने जीवन में कभी हार नहीं मानी|

Charles M. Schulz (Sparky) – अमेरिकन कार्टूनिस्ट जिसने जीवन में कभी हार नहीं मानी|

चार्ल्स एम. शुल्ज जो कि स्पार्की नाम से भी जाने जाते थे | स्पार्की के लिए पढ़ाई तो जैसे असंभव चीज थी | आठवीं कक्षा में वह सभी विषयो में फेल हो गए थे, उनकी पढ़ाई में बिलकुल भी रूचि नहीं थी | परन्तु फिर से कोशिश करने पर उन्होंने आठवीं कक्षा पास की | दसवीं में फिर से उन्होंने भौतिक विज्ञान में मात्र शून्य अंक प्राप्त किये और फेल हो गए, भौतिक विज्ञान के साथ साथ लैटिन, बीजगणित और इंग्लिश में भी फेल हो गए थे | स्पार्की पढ़ाई के साथ साथ खेलों में भी कोई रूचि नहीं रखते थे और उनका रिकॉर्ड बस ठीक ठाक ही था | वह स्कूल की गोल्फ टीम का हिस्सा थे, परन्तु उसमे एक बहुत मह्त्वपूर्ण मैच में हार का सामना करना पड़ा |

जीवन में कुछ खास नहीं कर पाने की वजह से स्पार्की की समाज में स्थिति बहुत ही खराब थी, और समाज के लोग उसका मजाक बनाते थे | इन सब के बावजूद स्कूल के कुछ छात्र उससे मित्रता बनाये हुए थे | स्कूल के बाहर भी अगर कोई छात्र उसे बुला लेता थे तो स्पार्की को बहुत ही अचम्भा होता था | बस इसी वजह से यह कहना भी उचित होगा कि वह किसी लड़की से भी मिलता जुलता होगा? स्कूल में तो उसने शायद ही किसी लड़की को अपने साथ घूमने को कहा होगा |

इसी वजह से स्पार्की को काफी डर था कि लोग उसका मजाक बनाएंगे | स्पार्की अपने जीवन में पूरी तरह से हारा हुआ शख्श था | इस बात से वह खुद और उसके साथी भी भली भाँती वाकिफ थे | परन्तु स्पार्की ने भी ऐसे मजाक उड़ाए जाने और साथियो से बातचीत नहीं होने से पहले ही समझौता कर लिया था, उसका मानना था कि जो होना है वो तो होकर ही रहेगा, और अपने आप को भली-भाँती समझा लेता था कि मैं इस काबिल ही नहीं | स्पार्की एक चीज को अपने जीवन में बहुत ही महत्वता देते थे वो थी उनकी चित्रकारी | अपनी चित्रकारी पर उन्हें बहुत ही गर्व था | स्कूल के अंतिम वर्ष में उसने वार्षिक पत्रिका के लिए कुछ अपनी कलाकारी से कार्टून बना कर दिए थे | परन्तु उनकी कलाकारी को वार्षिक पत्रिका के सम्पादकों ने सिरे से नकार दिया था | इसके बावजूद भी उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और अपनी प्रतिभा पर पूरा भरोसा कायम रखा | उसने चित्रकार बनने का मन ही मन दृढ़ निश्चय कर लिया था |

हाई स्कूल कि पढ़ाई पूरी होते ही उन्होंने वॉल्ट डिज़्नी स्टूडियो को एक पत्र लिखा | उन्होंने स्पार्की से उसकी चित्रकारी के कुछ नमूने मांगे | परन्तु इन सब के बावजूद भी स्पार्की को वह से भी ना ही सुनने को मिली | लेकिन स्पार्की ने फिर भी हार नहीं मानी, और अपनी कोशिशे जारी रखी | उसने अपनी जीवन कि कहानी को अपने कार्टून्स के जरिये दुनिया को बताने का निर्णय लिया | मुख्य किरदार के रूप में उसने एक बच्चे के कार्टून को दिखाया, जो कि हमेशा से ही अपनी ज़िन्दगी में हमेशा से ही असफल रहा | देखते ही देखते स्पार्की के कार्टून को लोगो का बहुत प्यार मिलने लगा और वह समाज में धीरे धीरे रच गया | लोग उसमे अपने आप को देखने लगे | स्पार्की के कार्टून ने लोगो के जीवन कि तमाम तकलीफें और शर्मिंदगी भरे पलों और कड़वे अनुभवों का ज्ञान करा दिया था या फिर यूँ कहे कि अनुभव करा दिया था | वह कार्टून दुनिया भर में चार्ली ब्राउन के नाम से प्रसिद्ध हो गया और स्पार्की इसी वजह से बहुत ही सफल कार्टूनिस्ट बन गए | उनसे प्रभावित होकर बहुत सी किताबें भी लिखी गयी | उनकी किताबें पढ़कर बस एक ही बात ध्यान में आती है कि ज़िन्दगी हर किसी को किसी न किसी मुकाम पर पहुंचा ही देती है भले ही वह कितना भी बड़ा असफल ही ना हो |

इस कहानी से बस एक ही निष्कर्ष निकलता है कि हम सभी को अपनी हार से कभी भी निराश नहीं होना चाहिए बल्कि उससे सबक लेना चाहिए | अगर हम अपने आप पर दृढ़ विश्वास को बनाये रखें तो कामयाबी कभी न कभी तो अवश्य ही मिलेगी |

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Hitesh Kumar

Hitesh Kumar

मैं Hitesh Kumar, डिजिटल मार्केटिंग क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों से कार्यरत एक अनुभवी पेशेवर हूँ। डिजिटल दुनिया में रचा-बसाव के साथ-साथ मुझे लिखने का भी गहरा शौक है, यही वजह है कि मैं “Gossip Junction” का Founder और writer हूँ। गॉसिप जंक्शन पर मैं सिर्फ मनोरंजन की खबरें ही नहीं परोसता, बल्कि प्रेरणादायक कहानियां, सार्थक उद्धरण, दिलचस्प जीवनी, आधुनिक तकनीक और बहुत कुछ लिखकर पाठकों को जीवन के विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराता हूँ।