शराब नहीं...शराबियत .... यानी अल्कोहलिज़्म...!

शराब नहीं…शराबियत …. यानी अल्कोहलिज़्म…!

आदत जिसको समझे हो वो मर्ज कभी बन जायेगा फिर मर्ज की आदत पड़ जाएगी अर्ज ना कुछ कर पाओगे गर तब्दीली की गुंजाइश ने साथ दिया तो ठीक सही…
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Pal Ek Mujhe by Pragya Shukla

Pal Ek Mujhe by Pragya Shukla

कल फिर कर लेंगे, बात कभी जमाने की, पल एक मुझे कुछ अपनी भी कह लेने दो कल फिर पोछेंगे अश्क़ कभी जमाने के अपने हिस्से का गम मुझे सह…
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क्षितिज के पार से by Pragya Shuka

क्षितिज के पार से By Pragya Shukla

क्षितिज के पार से By Pragya Shukla चाहती हूँ लौट आओ तुम क्षितिज के पार से, अब तिमिर घनघोर छाया, कुछ नजर आता नहीं, राह अब मुझको दिखाओ, तुम क्षितिज…
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