Srikanth Bolla – हौंसलो की अंधी उड़ान | Best Inspirational Story in Hindi

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By Hitesh Kumar

Srikanth Bolla” – कहते हैं की इंसान के अंदर अगर कुछ कर-गुजरने की चाहत हो, हौंसला हो, आत्मविश्वास हो, लगन हो, तो असंभव दिखने वाले काम को भी संभव कर सकता है | इसी तरह के कई उदाहरण आपने पढ़े-सुने होंगे की मुश्किल से भी मुश्किल हालातों का सामना करके कुछ लोग बुलंदी के शिखर पर पहुँच गए | ऐसे ही एक शख्स है “श्रीकांत बोला” | सबसे बड़ी बात ये है की यह शख्स पूर्ण रूप से ही नेत्रहीन है, मगर, आज के समय में 5० करोड़ रुपए की कंपनी के सीईओ है| श्रीकांत बोला जो की बचपन से ही नेत्रहीन है, आज कंस्यूमर फ़ूड पैकेजिंग कंपनी बोलैंट इंडस्ट्रीज (Bollant Industries) के पद पर कार्यरत है | उन्होंने यह कंपनी बनाकर कई लोगो के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बन कर एक मिसाल कायम की है |

लोगों ने कहा था, ‘मार दो इसे : –

हैदराबाद के श्रीकांत बोला का बचपन बहुत ही कठिनाइयों से गुजरा | उनके परिवार की मासिक आय लगभग 1600 Rs थी | और आपको ये जानकर भी हैरानी होगी कि जब श्रीकांत का जन्म हुआ, तो उनके कुछ रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने श्रीकांत के माता पिता को उनके पैदा होते ही उन्हें मार देने को कहा था | इसका कारण यह था कि श्रीकांत नेत्रहीन पैदा हुए थे | मगर औलाद कि ख़ुशी किसे प्यारी नहीं होती | माता पिता ने बच्चे का लालन-पालन करते हुए बच्चे को अच्छे संस्कार दिए |

पढ़ाई के लिए किया संघर्ष: –

श्रीकांत बचपन से ही पढ़ने में तेज था, लेकिन नेत्रहीन होने के कारण स्कूल में उसे खेलने नहीं दिया जाता था और क्लास कि आखिरी बेंच पर बिठाया जाता था | साथ ही परिवार कि आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी | बावजूद इसके, श्रीकांत ने 10 वीं क्लास बहुत ही अच्छे अंको से उत्तीर्ण की | पर उनकी मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुयी, वह दसवीं के बाद विज्ञान विषय पढ़ना चाहते थे, लेकिन उनके नेत्रहीन होने के कारण, उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली | Srikanth Bolla भी कौनसा हार मानने वालों में से था | कुछ महीनों की लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार श्रीकांत को विज्ञान विषय में पढ़ने की इजाजत मिली और इसी के साथ श्रीकांत देश के पहले नेत्रहीन व्यक्ति बने, जिन्हे दसवीं के बाद विज्ञान पढ़ने की अनुमति मिली |

इसके बाद श्रीकांत ने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा | श्रीकांत को अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करते ही अमेरिका के मैसाचुसेट्स  प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रवेश मिला | इसी के साथ ही श्रीकांत देश के पहले ऐसे नेत्रहीन स्टूडेंट बने, जिन्होंने मैसाचुसेट्स  प्रौद्योगिकी संस्थान से शिक्षा प्राप्त की |

कंपनी की शुरुआत : –

अमेरिका से शिक्षा पूरी करने के बाद श्रीकांत ने हैदराबाद में अपनी कंपनी की शुरुआत की | श्रीकांत ने लोगो के खाने पीने के सामान की पैकिंग के लिए कंस्यूमर फ़ूड पैकेजिंग कंपनी की शुरुआत की | इस कंपनी की शुरुआत श्रीकांत ने 8 लोगों की एक टीम से की |

उन्होंने इस कंपनी में सबसे पहले आस-पास के बेरोजगार लोगों को जोड़ा | जिसमे श्रीकांत ने ब्लाइंड लोगों को काम दिया | जब श्रीकांत की कंपनी अच्छी रफ़्तार पकड़ने लगी, तो फंडिंग की दिक्कत आना शुरू हुई |

लेकिन श्रीकांत इससे पीछे हटने वालों में से नहीं थे | उन्होंने कई फंडिंग कंपनियों से और कुछ निजी बैंको से फंड जुटाकर अपने काम को आगे बढ़ाया | श्रीकांत की कंपनी ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया | आज श्रीकांत की कंपनी के तेलंगाना और हैदराबाद में चार प्लांट हैं | इसमें हज़ारों की संख्या में कर्मचारी कार्यरत हैं |

रतन टाटा को भी भाया श्रीकांत का बिज़नेस मॉडल :-

दुनिया के जाने माने बिजनेसमैन रतन टाटा ने पिछले दो साल में दुनिया भर की छोटी-बड़ी कंपनियों में करीब 4500 करोड़ रुपये का निवेश किया हैं | रतन टाटा के बारे में कहा जाता है की वे यूनिक बिज़नेस आईडिया और हौंसले की हमेशा कद्र करते है | टाटा को श्रीकांत का हौंसला और बिज़नेस आईडिया दोनों ही बहुत भा गए थे | टाटा ने श्रीकांत की कंपनी में भी इन्वेस्ट कर दिया | उनके अलावा डॉ रेड्डीज़  के सतीश रेड्डी , पीपल कैपिटल के श्रीनी राजू समेत कई बड़ी हस्तियों ने श्रीकांत की कंपनी में निवेश किया है |

अपने संघर्ष के बारे में Srikanth Bolla जी क्या कहते है :-

श्रीकांत कहते हैं कि ‘जब सारी दुनिया कहती थी कि यह कुछ नहीं कर सकता हैं, तो उनसे कहता था कि मैं सब कुछ कर सकता हूँ |’ श्रीकांत के जीवन पर एक किताब भी छप चुकी है | इस किताब के राइटर के मुताबिक, श्रीकांत ने अपना जीवन एक योद्धा कि तरह ही जीया है | उनके मुताबिक, श्रीकांत हमेशा से ही कहा करते थे कि ‘अगर आपको ज़िन्दगी कि जंग जितनी है तो सबसे बुरे समय में धैर्य बनाकर रखें |’ Srikanth Bolla उसी का ही एक उदाहरण है |

आज Srikanth Bolla जिस मुकाम पर हैं, उन्होंने इस बात को साकार भी कर के दिखाया है |