Personality of the year – Stephen Hawking

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By Hitesh Kumar

ब्रह्माण्ड के रहस्य बताने वाले स्टीफन हाकिंग का 76 वर्ष की उम्र में निधन हो गया | उनका जन्म 8 जनवरी 1942 को इंग्लैंड में हुआ और निधन 14 मार्च 2018 को हुआ | 21 वर्ष की उम्र में उन्हें असाध्य बीमारी हुई | धीरे धीरे शरीर के 92% हिस्से ने काम करना बंद कर दिया | डॉक्टरों ने 2 साल ज़िन्दगी निश्चित कर दी थी, पर अगले 55 साल तक वह समाज के लिए 100% काम करते रहे | उनकी आँखे व् दिमाग ही काम करता था | वे सदी के सबसे तेज़ दिमाग वाले इंसान रहे | उनका एक ही लक्ष्य था | वे कहा करते थे की ब्रह्माण्ड से बड़ा या पुराण कुछ नहीं, इसे पूरी तरह से जानना, समझना ही मेरा लक्ष्य है | उनका उनका बचपन इंग्लैंड में ही बीता | उनके पिता दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान बमबारी से बचने के लिए इंग्लैंड आ गए | 8 जनवरी 1942 को Stephen Hawking का जन्म इंग्लैंड ऑक्सफ़ोर्ड में हुआ | यहाँ उनके पिता एक रिसर्च लैब में बायोलॉजिस्ट थे |

शिक्षा – उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड से ग्रेजुएशन व् कैंब्रिज से पीएचडी की शिक्षा प्राप्त की | 1969 में Stephen Hawking नेचुरल साइंस की पढ़ाई करने ऑक्सफ़ोर्ड गए | उनके पीएचडी शोधपत्र को सार्वजनिक करने के बाद 20 लाख लोगों ने देखा | इसे जारी करते ही कैंब्रिज की वेबसाइट ठप्प हो गयी थी | ग्रेजुएशन के 3 साल में उन्होंने केवल 1000 घंटे पढ़ाई की, जिससे उनके शिक्षक बहुत नाराज हो गए थे | तभी से उन्होंने तय कर लिया था की वे अब समय बर्बाद नहीं करेंगे |

उनके जज्बे को सलाम – वे कहते थे की मुझे मौत की आशंका ने जीना सीखा दिया | उन्हें दुनिया भर में तमाम पुरस्कारों से नवाजा गया | पर नोबल पुरस्कार उन से दूर ही रहा | उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था की मोटर न्यूरेन बीमारी की चपेट में आने से पहले मैं ज़िन्दगी से ऊब गया था | लेकिन मृत्यु की आशंका ने मुझे एहसास करा दिया की ज़िन्दगी तो वाकई जीने लायक है | मुझे अभी कुछ करना है |

भरोसा – टीचर्स यह भरोसा नहीं कर प् रहे थे की उन्हें ग्रेजुएशन में फर्स्ट क्लास दें या सेकंड | वायवा टीचर से Stephen Hawking ने कहा था की अगर आप मुझे फर्स्ट क्लास पास करेंगे, तो ही मैं कैंब्रिज से पीएचडी करूँगा | इस पर टीचर ने उन्हें फर्स्ट क्लास डिग्री दी और आगे की पढ़ाई उन्होंने कैंब्रिज से की और यहीं प्रोफेस्सर भी बने | हाकिंग को समय बर्बाद करने से बड़ी नफरत थी | उन्होंने समय पर अपनी रिसर्च पूरी की थी | उन्होंने अपनी यह रिसर्च इस टिप्पणी के साथ ख़तम की थी, की घडी को वापिस घूमना असंभव है | सन्देश साफ़ था की हम पैसा बना सकते है, लेकिन गया हुआ समय कभी वापिस नहीं लौटता  | इसलिए हमें बुद्धिमानी से इसका उपयोग करना चाहिए |

अडिग – गाजापट्टी पर कब्जे के विरोध में इस्राइल नहीं गए | वह अपने सिद्धांतो के प्रति अडिग थे | उन्होंने गाजा पट्टी पर इस्राइली कब्जे से लेकर वियतनाम युद्ध का खुले तौर पर विरोध किया | हाकिंग  ने फिलिस्तीनी पक्ष से सहानुभूति रखी व् 2013 में एक सेमिनार के लिए इस्राइल जाने से साफ़ मना कर दिया था | उनकी पत्नी जेन एक जगह लिखती है की एक ट्रिप के दौरान इन्फेक्शन होने की वजह से हाकिंग को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा | वे इतना बीमार हो गए थे की डॉक्टर्स ने स्पोर्ट सिस्टम हटाने की सलाह दी, पर जेन ने मना कर दिया और वह हाकिंग को कैंब्रिज हॉस्पिटल ले आयी | उनकी जान तो बच गयी पर हाकिंग बच्चो की तरह ज़िद्दी हो गए | जेन कहती है की उनका पति पत्नी का रिश्ता न रहकर मालिक और गुलाम का रिश्ता रह गए था |

फिल्म, टीवी और वेब सीरीज में दिखे – सन 2014 में Stephen Hawking पर एक फिल्म बनी – the theory of everything | इसमें एड़ी रेडमन ने उनका किरदार निभाया था | 1999 में टीवी और वेब सीरीज में भी दिखे |

पुस्तकें – Stephen Hawking ने लोगो को विज्ञान समझाने के लिए आसान भाषा में किताबे लिखी |

शादियां – Stephen Hawking की दो शादियां नाकाम रहीं | वे कहते थे की ब्रह्माण्ड को समझना आसान है, पर महिला खुद एक रहस्य है | अपनी दुर्लभ बीमारी के बाद उन्होंने अपनी महिला मित्र जेन से 1965 में शादी की | इससे उन्हें 3 बच्चे हुए, हालांकि 1991 में उनका तलाक हो गया | 4 साल बाद उन्होंने अपनी नर्स मेसन से दूसरी शादी की | यह शादी 11 साल तक चली |

आखिरी वक़्त पर वह साइंस प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे – वे आखिरी वक़्त पर भी विज्ञान से जुड़े हुए थे और प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे | उन्होंने अपनी ब्लैकहोल थ्योरी में कुछ नयी बातें जोड़ी थी | अभी भी विदेशों में लेक्चर देने जाया करते थे | आखिरी सांस उन्होंने काम करते हुए ली |

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