सूर्य नमस्कार के 12 आसन, उनके नाम और फायदे

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By admin

सूर्य नमस्कार (Sun Salutation), जो योग का महत्वपूर्ण हिस्सा है, भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक प्रकार का योगासन है जो सूर्य की पूजा के रूप में भी जाना जाता है और शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। यह आसन ध्यान, प्राणायाम और शारीरिक संवाद का एक महान उदाहरण है जो हमें शांति, सुख, और स्वास्थ्य की दिशा में अग्रसर बनाता है।

सूर्य नमस्कार के 12 आसन का महत्व | Surya namaskar Steps (सूर्य नमस्कार की विधि)

सूर्य नमस्कार में 12 आसन होते हैं, जिनमें हर आसन का अपना महत्व होता है। यह आसन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के साथ-साथ आत्मा के साथ गहरा जुड़े रहने में भी मदद करते हैं। यहां हम सूर्य नमस्कार के प्रत्येक आसन के नाम और उनके फायदे पर विचार करेंगे:

  • सूर्य नमस्कार Step 1 प्राणामासन (Pranamasana): सूर्य नमस्कार की शुरुआत प्राणामासन से होती है। इस आसन में हम अपने पैरों को मिलाकर खड़े होते हैं और हृदय की ओर मुख करते हैं। यह मानसिक शांति और संवाद कौशल में सुधार करता है। यह ध्यान की अवस्था में लेता है और शारीरिक तय से बेहतर खेलने में मदद करता है।
  • सूर्य नमस्कार Step  2 हस्तौत्तानासन (Hasta Uttanasana): इस आसन में हम ऊंची कूबड़ करते हैं और अपने हाथों को ऊपर उठाते हैं। हस्त पादांत से कमर और पेट को मजबूती मिलती है, साथ ही आंतरिक तंत्रिकाओं को सुधारने में मदद करता है।
  • सूर्य नमस्कार Step 3 हस्तपादासन (Hasta Padasana): हस्तपादासन में हम आगे की ओर झुकते हैं ताकि हाथ पैरों के पास पहुंचे। यह कूल्हों को मजबूत बनाता है और पेट को दबाने में मदद करता है। इस आसन से पूरे शरीर की मोटापा कम की जा सकती है, और नसों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
  • सूर्य नमस्कार Step 4 आश्वासन (Ashwa Sanchalanasana): इस आसन में हम एक पैर को पीछे खींचते हैं, जबकि दूसरा पैर आगे रखा रहता है। इससे पूर्ण शरीर को खिचक मिलती है और निचले पीठ की मांसपेशियों को सुधारता है। आशविनी आसन पुरुषों के लिए शर्मनिवृत्ति और नपुंसकता के इलाज में मदद करता है।
  • सूर्य नमस्कार Step 5 पर्वतासन (Parvatasana): पर्वतासन में हम अपने पूरे शरीर को ऊपर उठाते हैं, जैसे कि हम एक पर्वत की ओर बढ़ रहे हों। यह कंधों को मजबूत बनाता है और शरीर को सुखद विश्राम प्रदान करता है। यह आसन पृष्ठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है और दांतों को सजीव रखता है।
  • Surya Namaskar Step 6 आश्वसंस्पर्शनासन (Ashtanga Namaskara): इस आसन में हम आपने शरीर को धरती पर लेते हैं और आठ अंगों को छूते हैं – आंख, कंधा, छाती, हाथ, घुटने, और पैर। इससे हृदय की मजबूती और पूर्ण दिल की सेहत में सुधार होता है। आसन आंतरिक तंत्रिकाओं को सुधारने में मदद करता है और मस्तिष्क को शांति देता है।
  • Surya Namaskar Step 7 भुजंगासन (Bhujangasana): इस आसन में हम पूर्व दिशा में झुकते हैं और अपने शरीर को ऊपर उठाते हैं, जिससे हमारी कमर और पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। यह पीठ के दर्द को कम करने में मदद करता है।
  • Surya Namaskar Step 8 पर्वतासन (Parvatasana): पुनः पर्वतासन में हम अपने पूरे शरीर को ऊपर उठाते हैं और शरीर को विश्राम देते हैं। यह कंधों को मजबूत बनाता है और मानसिक स्थिरता को बढ़ावा देता है। इस आसन से आंतरिक तंत्रिकाओं को सुधारने में मदद मिलती है और पेट की चर्बी को कम करता है।
  • Surya Namaskar Step 9 आश्वासन (Ashwa Sanchalanasana): इस आसन में हम एक पैर को पीछे की ओर खींचते हैं और दूसरा पैर आगे रखते हैं। यह कुल्हों को मजबूत बनाता है और पेट को कम करने में मदद करता है। यह आसन पृष्ठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और आंतरिक तंत्रिकाओं को सुधारने में मदद करता है।
  • Surya Namaskar Step 10 हस्तपादासन (Hasta Padasana): हस्तपादासन में हम आगे की ओर झुकते हैं ताकि हाथ पैरों के पास पहुंचे। यह कूल्हों को मजबूत बनाता है और पेट को दबाने में मदद करता है। इस आसन से कमर और पेट को मजबूत बनाया जा सकता है, साथ ही आंतरिक तंत्रिकाओं को सुधारने में मदद करता है।
  • Surya Namaskar Step 11 हस्तौत्तानासन (Hasta Uttanasana): यह आसन मस्तिष्क को शांति देता है और ध्यान की अवस्था में लेता है।
  • Surya Namaskar Step 12 प्राणामासन (Pranamasana): सूर्य नमस्कार के अंत में यह आसन किया जाता है, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है और हमें आत्मा के साथ जोड़ता है।

सूर्य नमस्कार (Surya namaskar) के फायदे

सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योग अभ्यास है जिसमें कई आसनों का संचय होता है। इसके अनेक फायदे हैं, जिसमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: सूर्य नमस्कार से मन शांत रहता है और स्ट्रेस, चिंता और अवसाद कम होता है।

शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार: सूर्य नमस्कार के अभ्यास से हृदय, फेफड़े, पाचन तंतु और जोड़ों की स्वास्थ्य में सुधार होता है।

वजन घटाना: नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से वजन कम होता है और शरीर की चर्बी घटती है।

ऊर्जा की वृद्धि: सूर्य नमस्कार शरीर में ऊर्जा की प्रवाह को बढ़ाता है और आपको पूरे दिन चुस्त-दुरुस्त और ऊर्जावान बनाए रखता है।

पाचन तंतु की सुधार: यह पाचन प्रक्रिया को सुधारता है और कब्ज, अजीर्ण जैसी समस्याओं को दूर करता है।

हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती: सूर्य नमस्कार से हड्डियां मजबूत होती हैं और मांसपेशियां लचीली बनती हैं।

रक्त प्रवाह में सुधार: इससे रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे शरीर के प्रत्येक अंग तक अधिक ऑक्सीजन पहुंचता है।

हार्मोनल संतुलन: सूर्य नमस्कार से शरीर के हार्मोन्स संतुलित होते हैं।

त्वचा को सुंदर बनाए रखना: यह त्वचा के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह त्वचा की सजीवता को बनाए रखता है और मुहांसों और अन्य त्वचा संक्रमण से बचाव करता है।

स्वास्थ्यवर्धक निद्रा: सूर्य नमस्कार से आपको अधिक और बेहतर निद्रा मिलती है।

आपको सूर्य नमस्कार के फायदे प्राप्त करने के लिए इसे सही तरीके से और नियमित रूप से करना चाहिए। यदि आप योग के अभ्यास में नए हैं, तो इसे किसी प्रशिक्षित योग शिक्षक के मार्गदर्शन में करना चाहिए।