कविताएं 37 views1 minute read क्षितिज के पार से By Pragya ShuklaOctober 2, 2019 क्षितिज के पार से By Pragya Shukla चाहती हूँ लौट आओ तुम क्षितिज के पार से, अब तिमिर घनघोर छाया, कुछ नजर आता नहीं, राह अब मुझको दिखाओ, तुम क्षितिज… View Post
Entertainment 4.4K views1 minute read बैठ जाता हूँ मिट्टी पे अक्सर – Harivansh Rai Bachchan’s Poem in HindiadminSeptember 30, 2019 20 shares 15 0 5 श्री हरिवंश राय बच्चन जी द्वारा प्रस्तुत एक बेहतरीन कविता – बैठ जाता हूँ मिट्टी पे अक्सर… क्योंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है. मैंने समंदर से सीखा है जीने… View Post