21 Interesting Facts about Stephen Hawking in Hindi

21 Interesting Facts about Stephen Hawking in Hindi

शरीर से पूरी तरह अपंग व्हील चेयर पर बैठा यह इंसान, जिसका शरीर तो पूरी तरह बेजान था लेकिन दिमाग एक आम आदमी से कई गुना ज्यादा ताकतवर था | हॉकिंग जब वह महज 21 साल के थे तब डॉक्टर से ने पाया कि उनको एक लाइलाज बीमारी है जो कि उसने कहा कि Stephen Hawking ज्यादा से ज्यादा 2 साल तक जिंदा रहेंगे लेकिन अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से उन्होंने डॉक्टर की भविष्यवाणी को झूठ साबित कर दिया | इस पोस्ट को आखिर तक जरूर पढ़ना |

आप Stephen Hawking एक महान वैज्ञानिक के बारे में 21 ऐसी बातें जानोगे जो वाकई आपको हैरान कर देंगी |

  • एक इंटरव्यू में स्टीफन हॉकिंग से पूछा गया कि उनकी नजर में संसार का सबसे दिलचस्प रहस्य क्या है? स्टीफन हॉकिंग ने जवाब दिया औरतें, उन्होंने हंसते हुए कहा कि उनके लिए औरतें एक अबूझ पहेली है | उनको समझ पाना नामुनकिन है |
  • हॉकिंग के जन्म और मृत्यु से एक बड़ा सहयोग जुड़ा हुआ है जिस दिन ग्रेट साइंटिस्ट गैलीलियो गैलीली की मृत्यु हुई थी उससे पूरे 300 साल बाद 8 जनवरी 1942 को स्टीफन हॉकिंग का जन्म हुआ था और दुनिया के सबसे महान साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टाइन के बर्थडे वाले दिन जीवन की मृत्यु हुई | गजब की बात यह है कि यह तीनों ही अपने समय के सबसे महान साइंटिस्ट रहे |
  • 2010 में दिए एक इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि आप अपने बच्चों को क्या सलाह देना चाहेंगे प्रोफेसर होकिंग ने जवाब में कहा मैं अपने बच्चों को यहां 3 अहम सलाह देना चाहूंगा | पहली याद रखना हमेशा ऊपर सितारों की तरफ देखना नीचे पैरों की तरफ नहीं | दूसरी काम करना कभी मत छोड़ना क्योंकि काम तुम्हें जिंदगी का अर्थ और उद्देश्य देता है और बिना काम के जिंदगी खाली है तीसरी अगर किस्मत से कभी तुम्हें तुम्हारा प्यार मिल जाए तो उसे कभी मत छोड़ना |
  • हॉकिंग एक मेडियकर का स्टूडेंट थे | सन् 2010 में उन्होंने कहा था कि वह 8 साल का होने तक पढ़ना भी नहीं सीख पाए थे और ग्रेड स्कूल से लेकर उनके ऑक्सफर्ड जाने तक वह एक लेज़ी स्टूडेंट थे |
  • एक मीडियोकर स्टूडेंट होने के बावजूद जीवन को उनके स्कूली दिनों में उन्हें आइंस्टाइन कहा जाता था क्योंकि उनको space-time यूनिवर्स के बारे में गजब की अंडरस्टैंडिंग थी |
  • एक इंटरव्यू जो ब्रिटिश न्यूज़पेपर द गार्डियन में पब्लिश हुआ था | इस इंटरव्यू के दौरान स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि हमारा दिमाग एक कंप्यूटर है | यह कंप्यूटर तब काम करना बंद कर देता है, जब इसके कंपोनेंट्स फेल हो जाते हैं | इसी को मृत्यु कहते हैं और जो यह मान्यताएं होती हैं कि मृत्यु के बाद भी जिंदगी मिलेगी, स्वर्ग वगैरह यह सब मान्यताएं लोगों को मौत के डर से दिलासा देने के लिए होती हैं, क्योंकि इंसान इस ख्याल से डरता है कि मौत के बाद मेरी चेतना मेरी हस्ती का क्या होगा |
  • Stephen Hawking ने कहा था कि हम सब जिस पर चाहे उस पर विश्वास करने के लिए आजाद हैं और मेरा स्पष्ट विचार यह है कि कोई ईश्वर नहीं है | इस ब्रह्मांड को किसी ईश्वर ने नहीं बनाया है और ना ही कोई हमारे भाग्य को लिखता है और यही चीज मुझे एक गहरे एहसास की ओर लेकर जाती है कोई स्वर्ग नहीं है | और मृत्यु के बाद कोई जीवन नहीं होता | हमारे पास यही सिर्फ एक जिंदगी है | ब्रह्मांड के इस ग्रैंड डिजाइन को समझने और सराहना के लिए और जिसके लिए मैं बहुत आभारी हूं |
  • कैथोलिक चर्च के पोप जॉन पौल हॉकिंग की बातों का समर्थन नहीं करते थे क्योंकि दोनों की आईडियोलॉजिस एक दूसरे से अलग थी | पोप जॉन पौल कहते थे कि इस बात पर कोईआरगुमेंट नहीं किया जाना चाहिए कि कैसे यह ब्रह्मांड बना और किसने यह ब्रह्मांड बनाया यह साफ है कि भगवान ने ही इसे बनाया है जबकि प्रोफेसर होकिंग कहते थे कि सिर्फ साइंस एक्सप्लेन कर सकती है कि कैसे यह ब्रह्मांड बना | उन्होंने कहा था कि हम सबको अपनी जिंदगी के लिए और इस दुनिया में हमारे वजूद के लिए भौतिक विज्ञान के नियमों का आभार मानना चाहिए ना कि भगवान जैसी किसी सत्ता का |
  • स्टीफन हॉकिंग मानते थे कि हमारी दुनिया से अलग दूसरे ग्रहों पर भी जीव हो सकते हैं | उन्होंने एक बार कहा था कि इस अनंत ब्रह्मांड को देखते हुए यह लगता है कि एलियंस सचमुच होंगे लेकिन हमे उनसे संपर्क करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए यह हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है स्टीवन हॉकिंग ने चेतावनी देते हुए कहा कि एलियंस रिसोर्सेज के लिए पृथ्वी को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं |
  • 2010 में स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि अगर कभी एलियंस हमारी दुनिया को विजिट करते हैं तो नतीजा कुछ ऐसा होगा जैसा कि तब हुआ था जब कोलंबस अमेरिका की धरती पर उतरा था | कोलंबस का अमेरिका पहुंचना अमेरिका के लोगों के लिए नुकसानदायक साबित हुआ था |
  • वैसे तो Stephen Hawking साइंटिफिक कम्युनिटी में पहले से ही काफी फेमस थे लेकिन वास्तव में वह आम लोगों की अटेंशन में तब आए जब 1988 में उनके साइंस बुक ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम पब्लिश हुई | इस बुक ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया | यह अपने समय की सबसे ज्यादा बिकने वाली बुक बनी | 150 हफ्तों तक न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्ट सेलर लिस्ट में रही | और सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 237 हफ्तों तक ब्रिटिश संडे टाइम्स बेस्टसेलर लिस्ट में रही इस बुक की एक करोड़ से भी ज्यादा को पीस बिक चुकी है |
  • Stephen Hawking कहते थे कि उन्होंने हमेशा से यह सपना देखा था कि वह साइंस पर कोई ऐसी बुक लिखेंगे जिसे आम लोग भी आसानी से समझ पाए वह कहते हैं कि अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम पर उनका यह सपना पूरा हुआ यह बुक उन्होंने तब लिखी थी जब वह पूरी तरह अपंग हो चुके थे दिवन किए बुक कॉस्मोलॉजी पर है | उन्होंने इसमें बिग बैंग और ब्लैक होल्स जैसे विषयों पर लिखा है |
  • प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने अपनी बेटी Lucy Hawking के साथ मिलकर बच्चों के लिए भी कहीं साइंस बुक लिखी है यह किताबें जॉर्ज नाम के एक लड़के पर केंद्रित हैं, जो ब्रह्मांड में ट्रैवल करते हुए ब्रह्मांड के बारे में सीखता है |
  • इतने महान वैज्ञानिक होने के बावजूद और उनकी ग्राउंटब्रेकिंग डिस्कवरीज के बावजूद भी स्टीफन हॉकिंग कभी नोबेल प्राइज नहीं जीत पाए |
  • स्टीफन हॉकिंग फेमस साइंटिस्ट तो थे ही लेकिन वह बहुत से टीवी शोस जैसे स्टार्ट ट्रैक द सिंपसंस और द बिग बैंग थ्योरी में भी नजर आ चुके हैं |
  • बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने कहा था कि स्पेस में ट्रैवल करने की उनकी लंबे अरसे से ख्वाहिश है | 2007 में उनकी यह ख्वाहिश पूरी हुई जब साइंटिस्ट उन्हें 1 स्पेस शटल में ले गए और वहां स्टीफन हॉकिंग को जीरो ग्रेविटी का अनुभव कराया गया | प्रोफेसर Stephen Hawking करीब 4 मिनट तक वेट लॉस रहे |
  • हॉकिंग ने दुनिया के अंत के बारे में बात करते हुए यह कहा था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस न्यूक्लीयर वार महामारी ओं क्लाइमेट चेंज और बढ़ती जनसंख्या यह सभी वह कारण है जो दुनिया को अंत की ओर ले कर जाएंगे | प्रोफेशनल हॉकिंग ने कहा था कि मुझे लगता है मानव जाति के पास खुद का अस्तित्व बचाए रखने के लिए 1000 साल है जब तक कि यह पृथ्वी मनुष्य के रहने के काबिल ना बचे तब तक हमें पृथ्वी जैसा कोई और ग्रह खोजने की जरूरत है |
  • सन्न 1963 में जब स्टीवन महज 21 साल के थे तब डॉ स्नेह उनको बताया कि उन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की एक भयानक लाइलाज बीमारी है | इस बीमारी में इंसान का उसकी मांसपेशियों से नियंत्रण छुटने लगता है | और धीरे-धीरे उसका सारा शरीर अपंग हो जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है | किसी इंसान में इस बीमारी के पता लगने के कुछ ही महीने या साल बाद इंसान की मृत्यु हो जाती है | जब डॉक्टर्स को पता चला कि स्टीवन को यह बीमारी है तब डॉक्टर से उनको बताया कि वह 2 साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे | लेकिन स्टीव ने अपनी इच्छाशक्ति की बदौलत डॉक्टर्स की भविष्यवाणी को झूठ साबित कर दिया | वह 50 हाल से भी ज्यादा जिए | बीमारी के पता चलने के बाद धीरे-धीरे वह पूरी तरह अपंग हो गए थे सिर्फ उनका दिमाग जिंदा था |
  • इस भयानक बीमारी की वजह से Stephen Hawking का शरीर पूरी तरह बेजान हो गया था | वह ना तो लिख सकते थे और ना ही बोल सकते थे | लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने कई किताबें लिखी | यह किताबें उन्होंने अपने स्पीच सिंथेसाइजर डिवाइस की मदद से लिखी | यह उनका स्पीच जनरेटिंग डिवाइस था जिसकी मदद से वह अपने गाल की मांसपेशी के कम्पन द्वारा शब्दों को टाइप करते थे | पूरी जहां अपंग होने के बावजूद भी इस डिवाइस की मदद से लोगों से बात कर पाते थे |
  • Stephen Hawking ब्रिटिश थे लेकिन उनके स्पीच सिंथेसाइजर में जो कंप्यूटराइज आवाज़ थी उसका एक्सेंट अमेरिकन था | हाकिंग के बीच जनरेटिंग डिवाइस में समय-समय पर काफी सुधार होते रहे लेकिन उन्होंने उस अमेरिकन एक्सेंट वाली कंप्यूटराइज आवाज को कभी बदलने नहीं दिया जीवन उसे अपनी आइडेंटिटी के साथ जोड़ते थे उन्हें वह आवाज बेहद पसंद थी और लोगों के बीच भी वो आवाज इतनी फेमस हो चुकी थी कि कोई भी उसे थोड़ा सा सुनकर यह आसानी से बता सकता था कि यह प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग बोल रहे हैं |
  • जब कोई व्यक्ति स्टीफन हॉकिंग से मिलने जाता था तो वह सोचता था कि वह एक ऐसे व्यक्ति से मिलने जा रहा है जिसे सिर्फ दिमाग कहा जा सकता है शरीर नहीं लेकिन जब व्यक्ति उनके सामने खड़े होकर उनसे बात करता तब उसे पता चलता था कि वह एक ऐसे अद्भुत इंसान से मिल रहा है जिसे किसी की सहानुभूति सहायता और दया की जरूरत नहीं है बल्कि व्हील चेयर पर बैठे होने के बावजूद वह सब काम कर सकता है | यहां तक कि वह दूसरे के कामों में भी मदद करने को सक्षम है | पूरी तरह से विकलांग होने के बावजूद इस महान वैज्ञानिक ने साबित करके दिखाया कि अगर इंसान का खुद पर पूरा विश्वास हो तो वह कुछ भी कर सकता है |

Stephen Hawking ने एक बार कहा था पिछले 49 सालों से मैं मरने का अनुमान लगा रहा हूं | मैं मौत से नहीं डरता, लेकिन मुझे मरने की भी कोई जल्दी नहीं है, क्योंकि मरने से पहले मुझे अपनी जिंदगी में बहुत सारे काम करने हैं |

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Hitesh Kumar

Hitesh Kumar

मैं Hitesh Kumar, डिजिटल मार्केटिंग क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों से कार्यरत एक अनुभवी पेशेवर हूँ। डिजिटल दुनिया में रचा-बसाव के साथ-साथ मुझे लिखने का भी गहरा शौक है, यही वजह है कि मैं “Gossip Junction” का Founder और writer हूँ। गॉसिप जंक्शन पर मैं सिर्फ मनोरंजन की खबरें ही नहीं परोसता, बल्कि प्रेरणादायक कहानियां, सार्थक उद्धरण, दिलचस्प जीवनी, आधुनिक तकनीक और बहुत कुछ लिखकर पाठकों को जीवन के विभिन्न पहलुओं से रूबरू कराता हूँ।